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प्यार क्या है-माँ है रहा है जीवन अपना जीवन तो कविता है दीवाली रौनक किसलिए है स्वीकार नहीं hindikavita कवि है बुढापा है देव् नफरत हिन्दीकविता प्रेम कौन है

Hindi है देव् Poems